Digital Arrest Cyber News

डिजिटल अरेस्ट स्कैम एक जटिल साइबर अपराध है जिसमें स्कैमर खुद को कानून प्रवर्तन अधिकारियों या सरकारी प्रतिनिधियों के रूप में प्रस्तुत करते हैं और झूठे कानूनी आरोपों के माध्यम से पीड़ितों को पैसे ट्रांसफर करने के लिए धमकाते हैं। आइए जानें कि यह स्कैम कैसे काम करता है और खुद को सुरक्षित रखने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव।

स्कैम का तरीका

  1. प्रारंभिक संपर्क:

    • पीड़ित, अक्सर एक पेशेवर, को एक कॉल प्राप्त होती है जिसमें कॉलर खुद को भारतीय टेलीकॉम नियामक प्राधिकरण का प्रतिनिधि बताता है।

    • कॉलर आरोप लगाता है कि पीड़ित के आधार कार्ड से जुड़े मोबाइल सिम का उपयोग अवैध गतिविधियों के लिए किया जा रहा है।
  2. बात को बढ़ाना:

    • स्कैमर कॉल को दूसरे "अधिकारी" को ट्रांसफर कर देता है, जो अक्सर खुद को पुलिस अधिकारी बताता है।

    • पीड़ित को वीडियो कॉल पर फर्जी दस्तावेज दिखाए जाते हैं, जिससे उसका डर और भ्रम बढ़ जाता है।
  3. डिजिटल अरेस्ट:

    • पीड़ित को वीडियो कॉल पर कई घंटों तक कैमरे के सामने रहने के लिए मजबूर किया जाता है।

    • स्कैमर कानूनी परिणामों और गिरफ्तारी की धमकी देकर बड़ी राशि की मांग करता है।
  4. वित्तीय नुकसान:

    • डरे हुए पीड़ित अक्सर मांग की गई राशि ट्रांसफर कर देते हैं, अपने फिक्स्ड डिपॉजिट या अन्य बचत को तोड़कर।

    • सच का पता चलने के बाद भी, पीड़ित से अतिरिक्त धन की मांग की जाती है।

वास्तविक जीवन का उदाहरण

जयपुर में, एक महिला बैंक मैनेजर इस स्कैम का शिकार बनी। उसे वीडियो कॉल पर धमकाया गया और विश्वास दिलाया गया कि उसके आधार से जुड़े सिम का उपयोग अवैध गतिविधियों के लिए किया जा रहा है। डर के मारे, उसने 17 लाख रुपये स्कैमर के खाते में ट्रांसफर कर दिए। जब सच सामने आया, तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

डिजिटल अरेस्ट स्कैम से बचने के सुझाव

  1. शांत रहें:

    • ऐसी कॉल आने पर घबराएं नहीं। स्कैमर डर का फायदा उठाते हैं।
  2. पहचान सत्यापित करें:

    • कॉलर की पहचान को हमेशा सत्यापित करें। आधिकारिक संपर्क नंबरों के माध्यम से संगठन से संपर्क करें।
  3. व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें:

    • जब तक आप कॉलर की पहचान के प्रति सुनिश्चित न हों, तब तक व्यक्तिगत या वित्तीय जानकारी साझा न करें।
  4. पैसे ट्रांसफर न करें:

    • झूठे आरोपों या कानूनी मुद्दों को हल करने के वादे पर अज्ञात खातों में पैसे ट्रांसफर न करें।
  5. संदिग्ध कॉल की रिपोर्ट करें:

    • किसी भी संदिग्ध कॉल की रिपोर्ट स्थानीय अधिकारियों या साइबर अपराध इकाई को करें। भारत में, आप 1930 पर कॉल कर सकते हैं या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
  6. स्वयं और दूसरों को शिक्षित करें:

    • नवीनतम स्कैम्स के बारे में सूचित रहें और अपने दोस्तों और परिवार को शिक्षित करें, विशेष रूप से उन लोगों को जो अधिक संवेदनशील हो सकते हैं।
  7. कॉलर आईडी का उपयोग करें और अनचाहे कॉल को ब्लॉक करें:

    • कॉलर आईडी सेवाओं का उपयोग करें और संदिग्ध या स्कैम नंबरों को ब्लॉक करें।
  8. सुरक्षा प्रथाओं के साथ अपडेट रहें:

    • संभावित साइबर खतरों से बचने के लिए अपने डिवाइस और सॉफ्टवेयर को अपडेट रखें।

इन सुरक्षा सुझावों का पालन करके और डिजिटल अरेस्ट स्कैम के बारे में जागरूकता फैलाकर, आप खुद को और दूसरों को इन साइबर अपराधियों का शिकार होने से बचा सकते हैं। याद रखें, वैध कानून प्रवर्तन और सरकारी अधिकारी कभी भी फोन या वीडियो कॉल के माध्यम से पैसे की मांग नहीं करेंगे।

निष्कर्ष

साइबर अपराध से निपटने के लिए जागरूकता और शिक्षा महत्वपूर्ण है। अपने समुदाय के साथ इस जानकारी को साझा करें ताकि दूसरों को डिजिटल अरेस्ट स्कैम का शिकार होने से बचाया जा सके। 

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सतर्क रहें, सुरक्षित रहें।

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